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भाजपा द्वारा [लगता है] मेरठ निगम के चुनाव भी दिल्ली की तर्ज़ पर ही लड़े जायेंगे निगम स्तर के मुद्दों के बजाये यहाँ भी राष्ट्रीय समस्याओं को उभार कर जीत हासिल कर ली जायेगी।अक्सर देखा गया है की स्थानीय स्तर के चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ही लडे जाते हैं मगर हाल ही में दिल्ली की तीनो स्थानीय इकाइयों पर भाजपा ने कब्ज़ा किया है इसके लिए वहां पानी +सड़क+सफाई+अनाधिकृत कालोनियों आदि से सम्बंधित समस्याएं गौण रही और राष्ट्रीय स्तर के महंगाई+भ्रष्टाचार+सीमा सुरक्षा आदि मुद्दे फायदेमंद साबित हुए ।
यही प्रयोग अब पार्टी मेरठ में भी करने जा रही है क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के युवा नेता वरुण गांधी ने18-06-2012 को मेरठ में अपना पहला चुनावी भाषण दिया लगभग 20 मिनट के इस भाषण में उन्होंने अपने राष्ट्रीय विरोधी+सपा+बसपा+कांग्रेस को जम कर कोसा ।
मेरठ के शारदा रोड पर भाजपा के महापौर प्रत्याशी हरिकांत अहलुवालिया के पक्ष में आयोजित इस जन सभा में भाजपा के राष्ट्रीय महा सचिव वरुण गांधी ने अपने राष्ट्रीय नेता और संभवत राजनितिक गुरु अटल बिहारी वाजपई के अंदाज़ को अपनाते हुए बड़े कूल स्वभाव में तंज़ कसे लेकिन अटल बिहारी वाजपई के भाषणों में व्यंग के साथ हास्य का पुट भी बहुत रहता था जिसका आज के भाषण में सर्वथा अभाव दिखाई दिया ।
कुछ व्यंगों की बानगी प्रस्तुत है
[1]अखिलेश यादव बहुत अच्छे कोमल दिल वाले इंसान है मगर उनपर जो उत्तर प्रदेश के शासन का बोझ डाल दिया गया है उससे उनके कमजोर कंधे झुक गए है।
[2]मायावती जो थी सो थी ये [अखिलेश] भी कम नहीं हैं।
[3]एक [अल्पसंखक]वर्ग विशेष को सुविधाएं देने के विरोध में नहीं इससे एक समाज का भला हो रहा है मगर सबके साथ यह व्यवहार होता तो पूरे देश का भला होता
[4]अखिलेश और में[वरुण] युवा होते हुए भी युवाओं को जोड़ नहीं पाए यह काम अन्ना हजारे ने कर दिया
[5]कांग्रेस पर तो सीधा प्रहार करते हुए कांग्रेस को महंगाई और भ्रष्टाचार बढाने वाली क्रूर सरकार बताया
[6 ]में[ वरुण] अगर गांधी ना होता तो सांसद नहीं होता कहीं पोस्टर बॉय या अगली कतार में ताली बजाने वाला होता [
[7] भाजपा को भ्रष्टाचार मुक्त पार्टी बताया राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़े जायेंगे नगर निगम के चुनाव
भाजपा द्वारा [लगता है] मेरठ निगम के चुनाव भी दिल्ली की तर्ज़ पर ही लड़े जायेंगे निगम स्तर के मुद्दों के बजाये यहाँ भी राष्ट्रीय समस्याओं को उभार कर जीत हासिल कर ली जायेगी।अक्सर देखा गया है की स्थानीय स्तर के चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ही लडे जाते हैं मगर हाल ही में दिल्ली की तीनो स्थानीय इकाइयों पर भाजपा ने कब्ज़ा किया है इसके लिए वहां पानी +सड़क+सफाई+अनाधिकृत कालोनियों आदि से सम्बंधित समस्याएं गौण रही और राष्ट्रीय स्तर के महंगाई+भ्रष्टाचार+सीमा सुरक्षा आदि मुद्दे फायदेमंद साबित हुए ।
यही प्रयोग अब पार्टी मेरठ में भी करने जा रही है क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के युवा नेता वरुण गांधी ने18-06-2012 को मेरठ में अपना पहला चुनावी भाषण दिया लगभग 20 मिनट के इस भाषण में उन्होंने अपने राष्ट्रीय विरोधी+सपा+बसपा+कांग्रेस को जम कर कोसा ।
मेरठ के शारदा रोड पर भाजपा के महापौर प्रत्याशी हरिकांत अहलुवालिया के पक्ष में आयोजित इस जन सभा में भाजपा के राष्ट्रीय महा सचिव वरुण गांधी ने अपने राष्ट्रीय नेता और संभवत राजनितिक गुरु अटल बिहारी वाजपई के अंदाज़ को अपनाते हुए बड़े कूल स्वभाव में तंज़ कसे लेकिन अटल बिहारी वाजपई के भाषणों में व्यंग के साथ हास्य का पुट भी बहुत रहता था जिसका आज के भाषण में सर्वथा अभाव दिखाई दिया ।
कुछ व्यंगों की बानगी प्रस्तुत है
[1]अखिलेश यादव बहुत अच्छे कोमल दिल वाले इंसान है मगर उनपर जो उत्तर प्रदेश के शासन का बोझ डाल दिया गया है उससे उनके कमजोर कंधे झुक गए है।
[2]मायावती जो थी सो थी ये [अखिलेश] भी कम नहीं हैं।
[3]एक [अल्पसंखक]वर्ग विशेष को सुविधाएं देने के विरोध में नहीं इससे एक समाज का भला हो रहा है मगर सबके साथ यह व्यवहार होता तो पूरे देश का भला होता
[4]अखिलेश और में[वरुण] युवा होते हुए भी युवाओं को जोड़ नहीं पाए यह काम अन्ना हजारे ने कर दिया
[5]कांग्रेस पर तो सीधा प्रहार करते हुए कांग्रेस को महंगाई और भ्रष्टाचार बढाने वाली क्रूर सरकार बताया
[6 ]में[ वरुण] अगर गांधी ना होता तो सांसद नहीं होता कहीं पोस्टर बॉय या अगली कतार में ताली बजाने वाला होता [
[7] भाजपा को भ्रष्टाचार मुक्त पार्टी बताया राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़े जायेंगे नगर निगम के चुनाव
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