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जालंधर — हमारे देश में इस वक्त सिर्फ चार लाख डाक्टर एवं इतना ही पैरा मेडिकल स्टाफ उपलब्ध हैं, जबकि तकरीबन 75 लाख से अधिक पैरा मेडिकल स्टाफ की आवश्यकता हमारे देश में है, जो कि समय के साथ बढ़ेगी। इसके अलावा वर्तमान में पूरे विश्व भर में इन लोगों की अत्यधिक डिमांड है। यह बात सोमवार को रुहानियत प्रकाश इंस्टीच्यूट के चेयरमैन डा. अरविंद वीर सिंह गिल ने कही। उन्होंने कहा कि सुनहरी भविष्य बनाने के लिए छात्रों को क्वालिफाइड नर्स टेक्नीशियन, फिजियो थैरेपिस्ट कोर्स ही करने चाहिए। उन्होंने नर्सिंग कैरियर के बारे में बताया कि इस क्षेत्र में कई फायदे है व विदेशों में भी काफी डिमांड है। तकरीबन 75 लाख से अधिक पैरा मेडिकल स्टाफ की आवश्यकता हमारे देश में है, जो कि समय के साथ बढ़ेगी।
जालंधर — हमारे देश में इस वक्त सिर्फ चार लाख डाक्टर एवं इतना ही पैरा मेडिकल स्टाफ उपलब्ध हैं, जबकि तकरीबन 75 लाख से अधिक पैरा मेडिकल स्टाफ की आवश्यकता हमारे देश में है, जो कि समय के साथ बढ़ेगी। इसके अलावा वर्तमान में पूरे विश्व भर में इन लोगों की अत्यधिक डिमांड है। यह बात सोमवार को रुहानियत प्रकाश इंस्टीच्यूट के चेयरमैन डा. अरविंद वीर सिंह गिल ने कही। उन्होंने कहा कि सुनहरी भविष्य बनाने के लिए छात्रों को क्वालिफाइड नर्स टेक्नीशियन, फिजियो थैरेपिस्ट कोर्स ही करने चाहिए। उन्होंने नर्सिंग कैरियर के बारे में बताया कि इस क्षेत्र में कई फायदे है व विदेशों में भी काफी डिमांड है। तकरीबन 75 लाख से अधिक पैरा मेडिकल स्टाफ की आवश्यकता हमारे देश में है, जो कि समय के साथ बढ़ेगी।
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